हमसफर
हमसफर
अगर तू मेरा हमसफर होता,
तो जिंदगी ऐसी ना होती।
मैं यूं शमा की तरह जलती ना होती।
यह दुनिया खूबसूरत नहीं लगती अब,
अब अंधेरे से चाहत सी हो गई है।
तेरा जाना अब ख़लने लगा है,
यह दिल तिल तिल कर जलने लगा है।
अगर तू मेरा हमसफर होता,
तो जिंदगी ऐसी ना होती।
मैं यूं शमा की तरह जलती ना होती।
तुम चले गए तुम्हारी रूह भी चली गई
यह श्रृंगार अब किसके लिए करूँ?
यह रंग अब आँखों में चुभने लगे है,
जिंदगी बेरंग सी लगने लगी है।
अगर तू मेरा हमसफर होता,
तो जिंदगी ऐसी ना होती।
मैं यूं शमा की तरह जलती ना होती।
कोई चुरा ना ले तुमको मुझसे इसलिए,
तेरी तस्वीर इन आँखों में समाए रखी है।
पगलाई सी रहती हूं तेरी यादों के अंधियारे में।
सिमट जाती हूं तेरी बाहों के गलियारे में।
अगर तू मेरा हमसफर होता,
तो जिंदगी ऐसी ना होती।
मैं यू शमा की तरह जलती ना होती।
पगली कहकर लोग हंसते हैं मुझ पर,
कभी सोचा है क्या गुजरती है मुझ पर?
इंतजार में तेरे लम्हे कटते नहीं।
लोग कहते हैं आजकल हम हंसते नहीं।
अगर तू मेरा हमसफर होता,
तो जिंदगी ऐसी ना होती।
मैं यूँ शमा की तरह जलती ना होती ।