हमसफ़र साथ-साथ चल
हमसफ़र साथ-साथ चल


हमसफर, हमनवां साथ लेकर चल
हाथों में हाथ लेकर चल।
दीवारों ए दर्दों को मात देकर चल
सत वचन सात लेकर चल।
सौ बातों की एक बात लेकर चल
ना छोड़े एक दूसरे का साथ लेकर चल।
सतरंगी जहान का ख्वाब लेकर चल
हर चुभते सवाल का जवाब लेकर चल।
बाहों में बाहों का हार लेकर चल
झिलमिलाती चांदनी की बहार लेकर चल।
चिरैया गीत गाए अँगना में साज लेकर चल
एक सुर में गाए हम सरगम आवाज़ लेकर चल।
बदलते मौसम का मिजाज लेकर चल
उठते तूफान का मसाज़ लेकर चल।
आँखों के आईने में मेरी तस्वीर लेकर चल
जहन ने बस्ती लैला की हीर लेकर चल।
अबर् से बरसती अमृतधारा लेकर चल
शब में दो जिस्म एक जान हमारा लेकर चल।
मात दें गम ए रंजिश वो तासीर लेकर चल
मेरे हमनवां केवल सजदे में झुकती तस्वीर लेकर चल।
वो सतरंगी पल्लों के ख्वाब लेकर चल
हुस्न और इश्क का शबाब लेकर चल।