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Sanjay Bhandari

Romance

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Sanjay Bhandari

Romance

हमसफ़र

हमसफ़र

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जिन्दगी की राह में यूं ही साथ साथ चलना,

आदत जो पड़ गई है तेरी, अब नहीं बदलना।


खुशियां जो तूने दी है, काहे को अब है गिनना,

अनगिनत वो ऐसे पल है, किस किस का बयाँ करना।


अनजान एक दूजे से, थे इक्कीस बरस पहले,

हमसफर बन गये हैं, यूँ ही साथ चलते-चलते।


कुछ नया फिर बनाऊँ, कुछ तीखा कुछ चटखारा,

इन हाथों में है जादू, खाना बनाते प्यारा।


तेरे सीने का है टुकड़ा, दिल से लगाये रखना,

पलक को पाके हमने, पाई है नई दुनिया।


तेरी आँखों का है तारा, इक चमकता सितारा,

अंश में हमने हैं देखा, परिवार बनता हमारा।


सुख में या दुख में, साथ ना अपना छोड़ना,

आ मेरे साथी, तू ऐसे ही संग चलना।


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