हमदम
हमदम
मेरी हर दुआ में तू है,
हर एक शब्द में तू है।
तू है तो मैं हूँ,
तू नहीं तो, कहीं गुम हूँ।
हर सांस में सिर्फ तू,
मेरे हर विश्वास में तू,
समन्दर है तू मेरा और प्यास भी तू,
धड़कन है तू मेरी और इबादत भी तू।
तू है, तो लगे सारा जहान खुश है,
तू है, तो लगे जैसे ये जिस्म कुछ है।
नहीं जानता जमाना, तेरा मेरा रिश्ता!
फिर भी कहें, जो है, बस यही है।
तुझे न देखूं तो दिल तड़प उठता है,
तुझे देखूं तो एक सुकून मिलता है।
तेरा वो दर्द जो छुपाये नहीं छुपता,
और वो चाहत मेरी, जिसे ये दिल बयाँ नहीं कर सकता।