हम सिर्फ तुम्हारे हुए
हम सिर्फ तुम्हारे हुए
यास की गलियों में इक छोटी-सी उम्मीदे –विसाल हुए ,
अजनबी की तरह ही सही अब दूर सारे गिले हुए II
आधी से ज्यादा वो आज शबे –गम यहाँ कट गए ,
हमारे साजन हमसे मिले और अब हम उनके हुएI
हर शाम थी धुआं –धुआं जब कभी भी तुम उदास थे ,
उनको जब आँखों में बसाया तो यादों के सवेरे हुए I
आज वो वक्त भी गुजर गया तन्हाई के ख्यालों का ,
अब तो तमाम उम्र के हर खूबसूरत लम्हें हमारे हुएI
मेरा दिल ढूंढता है कुछ फुर्सत के वो दिन और रात ,
मुद्दतों बाद ऐसा हुआ वो दिन और रात हमारे हुए I
दिल हमारा मस्ती में झूम रहा नज़र के फूल लहक रहे ,
जिस राह से निकले उन राहों में पड़े थे फूल बिखरे हुए I
वो जब सामने आये घबराकर सी लिए थे लब हमने अपने ,
हमारी हर बातों को समझ कर वो तो सिर्फ हमारे हुए I
जी रहे हैं क्योंकि बाक़ी है अभी तर्के –तमन्ना की आरजू ,
हर आरजू हो पूरी तुम्हारी दिल में यही हसरत लिए हुए I
जो कुछ भी की थी हमने सिर्फ तमन्ना तुम्हारे लिए रब से ,
पूरी हुई तमन्ना हमारी सोनी अब तो हम सिर्फ तुम्हारे हुए II