हिम्मत कर तू क़दम तो बढ़ा
हिम्मत कर तू क़दम तो बढ़ा
सफलता ऐसी कोई चीज नहीं है जिसे खरीदा जाए,
सफलता वो जिसकी कहानी संघर्षों से लिखी जाए,
पग-पग कांँटे, पथरीली राहें,कितनी ही बाधाओं को,
करना पड़ता है पार तब जाकर सफलता हाथ आए।
पर क्यों रुका हुआ है तू, क्यों बाधाओं से घबराता है,
कदम आगे बढ़ाने से पहले ही क्यों पीछे कर लेता है,
सफलता मिले ना मिले, एक बार तू कोशिश तो कर,
क्यों करने से पहले ही खुद को हारा हुआ मानता है।
हिम्मत कर तू कदम तो बढ़ा, मत सोच मंजिल दूर है,
स्वयं की शक्ति तू पहचान, तुझमें भी जोश भरपूर है,
मुश्किलें भी आएंँगी ज़रूर राह ना होगी तेरी आसान,
बस तू उम्मीद ना छोड़ना सामने सफलता का नूर है।
तू भी लड़ सकता है तूफ़ानों से,खुद पे तू कर विश्वास,
कर्म है मूल मंत्र सफलता का तू छोड़ ना उसका साथ,
बदलती हैं किस्मत की लकीरें भी गर दिल में है जुनून,
मिले असफलता तो क्या हुआ तू बार-बार कर प्रयास।
डर जाएगा गर तू लहरों से ही, कश्ती कौन चलाएगा,
हौसले की पतवार है तो तू तूफ़ान से भी लड़ जाएगा,
ठान ले तू दृढ़ निश्चय कर मत रुक तू बढ़ता जा आगे,
कोशिश अगर तेरी सच्ची है हर ख़्वाब तेरा पूरा होगा।
सफलता एक दिन ज़रूर मिलेगी गर दम तेरे इरादों में,
बस तू कदम तो आगे बढ़ा मंजिल होगी तेरे कदमों में,
लड़खड़ाएगा तू आगे बढ़ने से रोकेंगी तुझको मुश्किलें,
दुनिया भटकाएगी भी पर तू ध्यान ना देना इन बातों में।
आजमाएगी ये ज़िन्दगी भी तुझे बार-बार इम्तिहानो से,
पर तुझे भी काबिलियत दिखाकर लड़ना है तूफ़ानों से,
आजमाया भी तो वही जाता जिसमें होती है कुछ बात,
मुश्किलें भी हार मान जाती हैं कामयाबी के दीवानों से।
जो हर चुनौती को सहज स्वीकार करता आगे बढ़कर,
थकता नहीं, हारता नहीं वो, झंझावातों से भी लड़कर,
सफलता उसी के किस्मत की लकीरों में जगमगाती है,
जो अपने रास्ते खुद बनाना जाने, चट्टानों को काटकर।