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fp _03🖤

Tragedy Thriller

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Tragedy Thriller

हिम्मत की है बोलने की

हिम्मत की है बोलने की

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हिम्मत की है बोलने की 

मुश्किल में अपना मुंह खोलने की।

ख़ौफ तो मन भरा है 

पर अब का मसला बड़ा है।

डर है कहीं घबरा न जाऊं

ख़ुद को अकेला खड़ा न पाऊं।


 है ये बात कि कहीं समझी न जाए 

मैं रो गई तो?

अपनी बात में ही सही साबित न हो सकी तो?


पर ख़्याल आया कि एक शख़्स है,

जो मुझे जोड़े हुए है

मेरे सारे घावों को पूरी तरह से भरे हुए है।

जानती हूं वो हारने नहीं देगा मुझे 

परिस्थितियों में डरने नहीं देगा मुझे ।


 यकीं है उसे मुझ पर

कि मैं लड़ सकती हूं, ख़ुद के लिए 

ख़ुद की परेशानियों के लिए।


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