बदलते मिजाज़
बदलते मिजाज़
बदलते मिजाज़ है , बदलते रिवाज़ है।
हसीं चेहरों में छिपे गहरे राज़ है।
जो था अब वो नहीं है
हमारी राय छोड़ो , जो तुमने कहा वो ही सही है।
शोर भरा मन लेकर मैं जी रहा हूं
कहीं अनर्थ न कर दूं ,इस बात से डर रहा हूं।
दिमाग में गुस्सा बहुत भर गया है
मेरे अंदर का शख़्स भी मुझसे डर गया है।
कहता है शांत रहो , जो सोच रहे हो वो मत सोचो
बीत जायेगा ये समय , ख़ुद पर तुम थोड़ा काबू रखो।
अगर तुम ये सब नहीं बदल सकते , इसको बस तुम जाने दो
अपना खून शांत रखो , उन्हें तुम चिल्लाने दो।
