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fp _03🖤

Crime Others

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Crime Others

बदलते मिजाज़

बदलते मिजाज़

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बदलते मिजाज़ है , बदलते रिवाज़ है।

हसीं चेहरों में छिपे गहरे राज़ है।

जो था अब वो नहीं है 

हमारी राय छोड़ो , जो तुमने कहा वो ही सही है।


शोर भरा मन लेकर मैं जी रहा हूं

कहीं अनर्थ न कर दूं ,इस बात से डर रहा हूं।

दिमाग में गुस्सा बहुत भर गया है

मेरे अंदर का शख़्स भी मुझसे डर गया है।


कहता है शांत रहो , जो सोच रहे हो वो मत सोचो

बीत जायेगा ये समय , ख़ुद पर तुम थोड़ा काबू रखो।

अगर तुम ये सब नहीं बदल सकते , इसको बस तुम जाने दो

अपना खून शांत रखो , उन्हें तुम चिल्लाने दो।



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