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Poonam Arora

Abstract Crime Inspirational

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Poonam Arora

Abstract Crime Inspirational

रणचंडी

रणचंडी

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न द्रोपदी है, न अबला, न ही तू सीता है

कैसे कोई दुशासन तेरा चीर हरण कर सकता है


कैसे कोई मायावी रावण छल से अपहरण कर सकता है

कैसे कोई निर्भया पर यूँ बर्बरता जघन्य कर सकता है 


कैसे मणिपुर में ऐसा वीभत्स  अमानवीय कृत्य कर सकता है

खुद ही करनी होगी रक्षा, कोई कृष्ण बचाने लाज न आएगा


चंडी काली बन करो महिषासुर मर्दन जो होगा देखा जाएगा

खुद ही उतरना होगा रण में, खुद स्त्रीत्व बचाना होगा 


खुद ही ढाल बनना होगा, खुद ही तलवार चलाना होगा।


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