सर्दी का आनंद
सर्दी का आनंद
दिसंबर जनवरी की कड़कड़ाती ठंड
आ जाता गुनगुनी धूप का आनंद
फिर कुछ इच्छाएं जातीं मचल
काश!! हो पातीं संभव सहज
एक गर्म चाय की प्याला हो
कोई उसको पिलाने वाला हो
साथ में गर्मागर्म कचौड़ी हो
मीठी- तीखी चटनी भी थोड़ी हो
या गोभी, आलू के परांठे हों
घी -मक्खन से चुपड़े चांपे हों
आम ,मिर्च का हो अचार साथ
वाऊऊ आ जाएगा स्वर्गिक आनंद
धूप में बैठ चबाएं रेवड़ी, मूंगफली
और नमक लगा कर अमरूद, मूली
डिनर में हो सरसों का साग
मक्के की रोटी मिले गर्म हाथों हाथ
मीठे में मिल जाए हलवा गाजर का
सोते वक्त दूध खजूर- बादाम का
नरम गरम रजाई हो तन पे
बस इत्तू सी ही तो इच्छा है मन में