STORYMIRROR

Poonam Arora

Abstract

4  

Poonam Arora

Abstract

सर्दी की मस्ती

सर्दी की मस्ती

1 min
9

सुहाती नहीं अब तो पंखे,ए- सी, कूलर की ठंडक 

दिसंबर की सिहराती आहट समां में दे चुकी है दस्तक


बदलते मौसम की ये सर्द हवाएं होतीं हैं‌ कुछ घातक 

प्रतिरोधक शक्ति कम हो तो हो जाती हैं आक्रामक


रहना अगर स्वस्थ हैं तो रखना होगा कुछ परहेज 

ठंडे पानी, कोल्ड ड्रिंक्स ,आइसक्रीम से दूर से‌ ही गुरेज 


गर्म जाकेट, स्वेटर,शाल से रखना तन को आवृत

शीत से वो रक्षा करेगा जैसे मां- पिता का सुरक्षा कवच 


पैरों को भी ढककर रखना ,उससे चढ़ती ठंड

सिर ठंडा - पैर गर्म रहे, कह गए बड़े बुजुर्ग 


गर्म पानी, तुलसी अदरक की चाय ,शहद -गुड़ का सेवन 

सर्दी , खांसी,अस्थमा ,निमोनिया को देता नहीं निमंत्रण


गुनगुनी धूप के औषधीय सेवन से होना अवश्य लाभान्वित 

तन के सूक्ष्म पोरों में विटामिन डी यह करती अवशोषित 


गुड़ के चावल ,गाजर का हलवा, मक्के की रोटी, सरसों का साग

गर्म करारी मूंगफली-चने, रेवड़ी- गजक बिना क्या सर्दी का स्वाद 


घी ,मक्खन, मेवे सब खाया -पिया लगता है इसी मौसम में

खाओ,पाओ, निरोग रहो, रचनाएं लिखो स्टोरी मिरर में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract