STORYMIRROR

Richa Baijal

Abstract

4  

Richa Baijal

Abstract

हौसलों को एक - चित्त रखना

हौसलों को एक - चित्त रखना

1 min
23.2K

एक टिपकी बूँद ने सागर को हिला दिया 

उसने लहरों को अपने इर्दगिर्द घुमा दिया  


जीवन में इतना ही आत्म- समर्पण रखना 

अपने वजूद से ख़्वाबों को मुट्ठी में भर लेना 


हो सके तो दुनिया को ही काबू कर लेना 

एक पत्ता ही काफी है हवा का रुख बदल देने को 


एक ज़रिया ही बहुत है मुकाम तक पहुँचाने को 

एक बूँद सा मनोबल रखना 


मुसीबतों से अकेले लड़ जाने का दम रखना 

मुमकिन है जीत तुम्हारी फिर


बस हौसलों को एक - चित्त रखना !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract