STORYMIRROR

V. Aaradhyaa

Tragedy

4  

V. Aaradhyaa

Tragedy

हौसले को पैनी नज़र की धार कर

हौसले को पैनी नज़र की धार कर

1 min
368



गर इश्क़ है तो दिल्लगी मत यार कर,

चोट इस दिल पर न तू हर बार कर.

बोल मीठे बोल दो तो जी जाएंगे,

दिल की बातों में न यूं तकरार कर.


इक मचलता सा कोई अरमां हूं मैं,

भर के बांहों में मुझे तू प्यार कर.

डूब जाऊं ना मैं लहरों में कहीं,

इस मझधार से मुझे तू पार कर.


कहीं घबराकर हार ना जाएं हम,

हिम्मत से तू मेरे संग तलवार कर.

मंज़िल दूर नज़र आ रही है तो क्या,

अपने हौसले को पैनी नज़र को धार कर.




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy