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S Ram Verma

Romance

4  

S Ram Verma

Romance

हैप्पी रोज़ डे !

हैप्पी रोज़ डे !

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आज "रोज डे " है, 

तो मेरे दिल ने मुझ 

से बड़े ही अदब से 

फरमाइश की है  


क्यों ना आज फिर

से तुम्हें गुलाब की

तरह गुलाबी होते

देखा जाए


ठीक वैसे ही जैसे

पहली बार मेरी ही

अंगुलियों का स्पर्श

पाकर तुम्हारी देह

के सारे रोम रोम खड़े

हो गए थे


और चेहरे से गुलाबी

आभा झरने लगी थी ,

तो चाहा आज फिर से

एक बार मेरे गुलाब की

गुलाबी को पा लूँ

 

मैं अगर तुम्हारा गुलाब

हूँ तो तुम उस गुलाब की

गुलाबी आभा हो


तो चलो इसी बहाने

इस "रोज डे " पर ,

अपनी गुलाबी आभा

अपने गुलाब पर झार

दो ना तुम !  


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