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Usha Gupta

Tragedy

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Usha Gupta

Tragedy

है कैसी यह स्वतंत्रता??

है कैसी यह स्वतंत्रता??

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मिल गई स्वतंत्रता अंग्रेज़ों से,

प्रसंन्नता की लहर में हो गये सराबोर,

तिरंगा लहराया चहुँ ओर,

रंगे थे सभी देशप्रेम के रंग में,

परन्तु…...


है यह कैसी स्वतंत्रता,

हैं जहाँ अभी भी हम जकड़े,

जाति और धर्म की बेड़ियों में,

माता पिता और भाई कर देते हैं हत्या,

अपनी पुत्री दामाद या बहु की,

करने पर विवाह अपनी पंसद से,

 दूसरी जाति या धर्म में?

क्या हैं स्वतंत्र हमारी संतानें??


है यह कैसी स्वतंत्रता,

खींच दी गई हैं लकीरें,एक धर्म के बीच भी,

ऊँच नीच के भेदभाव की,

है बहता रक्त शरीर में प्रत्येक मनुष्य के लाल,

चढ़ा दिया जाता है रक्त,

एक दूजे का आपातकाल के समय,

किये बिना भेद भाव,

फिर कैसी ऊँच कैसी नीच??


है यह कैसी स्वतंत्रता,

जहाँ करते हैं लज्जाजनक प्रयोग भाषा का,

सार्वजनिक स्थानों पर भी,

बिना किये ध्यान उम्र का,

लिखते हैं ट्विटर पर भाषा ऐसी,

दे दुहाई बोलने की स्वतंत्रता की,

हम दे क्या रहे उदाहरण स्वतंत्रता का,

पीढ़ी को नई??


है यह कैसी स्वतंत्रता,

करते बलात्कार लड़की का,

सिखाने को सबक़ क्योंकि,

उठाई थी आवाज़ ऊँची

नीची जाति के,

परिवार ने लड़की के,

ऊँची जाति के परिवार के विरूद्ध,

है क्या दोष लेना जन्म छोटी जाति में??


है यह कैसी स्वतंत्रता,

क्या मिलेगी स्वतंत्रता हमें धर्म,

और जाति की जकड़न से,

क्या सीख हम सकेगें,

बोलने की स्वतंत्रता का सदुपयोग,

क्या सीख सकेंगे हम करना,

सम्मान स्त्री का भूल उसकी जाति धर्म,

कया सीख सकेंगें हम सही अर्थ स्वतंत्रता का??



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