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डॉ मंजु गुप्ता

Tragedy

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डॉ मंजु गुप्ता

Tragedy

हाथरस सुलग उठा

हाथरस सुलग उठा

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सुलग रहे नारी रक्षा पर , जलते कई सवाल ।

होता उसका यौनिक शोषण ,हर दिन मचे बवाल।।

कहीं नहीं मिलता उसको अब , मान और सम्मान ।

अखबारों से खून टपकता , इज्जत लहूलुहान।।


करे हाथरस की घटना ये , लज्जित व शर्मसार । 

आया संकट नारि जाति पर ,हो रहा बलात्कार ।।

बेटी को बनना होगा अब , सबला ओ ' दमदार ।

लक्ष्मीबाई बनके उसको , रखनी है तलवार ।।


रखना होगा अपने सँग में , कोई भी हथियार ।

हो सँग में मिर्ची का पाउडर , करने को अरि वार ।।

रख सँग में चाकू को हरदम, दुश्मनों पर प्रहार ।

जुडो - कराटे की शिक्षा ले , गुंडों को दे मार ।।



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