खामखां तो सिर्फ बदनाम हुये हैं
खामखां तो सिर्फ बदनाम हुये हैं
उसे हिला दो वह गिर जायेगा,
हालात पतझड़ से ठहर जायेगा।
बड़ी उल्फत सी हो गयी तेरे चले जाने के बाद'
न चैन न करार सब ख्वाहिशें हो गयी हैं राख॥
बहुत सरस सरल होगा पथ यह सोचा था,
अब दाड़ जम रही तब अकल को बेचा था।
खामखां तो सिरफ बदनाम हुये हैं,
खास होते जो वही बर्बाद किये हैं।
याद करते हैं कुर्बानियाँ लवों से,
आज भी जिंदा हैं निशानियाँ दिलों में
सब्र में टूटा नहीं जज़बातों के ऐतवार से,
तेरी खबर तक न लौटी यूं तेरे इंतजार में।
