Pratik Prabhakar

Action Inspirational

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Pratik Prabhakar

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हाथ शमशीर

हाथ शमशीर

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 लक्ष्य है सामने नजरों के

फिर क्यूँ अधीर हो

हौसले से निशाना लगाओ

जब हाथ में शमशीर हो


राह की चिंता नहीं

पथभ्रष्ट न हो सके

अब सहना हर दर्द को

मुस्कुराना चाहे पीड़ हो


तोड़ दो सीमाओं को

लाँघ दो दीवार को

एक वार में तोड़ दो

पैर में जो जंजीर हो।


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