हारे नहीं है ऐ जिंदगी
हारे नहीं है ऐ जिंदगी
हारे नहीं है ऐ जिंदगी, पास अभी कई हसरतों के फ़रमान बाकी है,
जी भर के जीना है तुझे अभी अधूरी चाहतों के अरमान बाक़ी है।
हर एक दिन तेरा जीना चाहते हैं, जैसे हो नया एहतराम खुशियों का,
है कई अनकहे ख़्वाब ऐसे भी जिनसे तेरी कराना पहचान बाक़ी है।
माना तेरी राह में है मुश्किल है बड़ी लड़ना होगा उनसे रात दिन,
न मानेंगे हार, हार को भी बना लें जीत इतनी हममें अभी जान बाक़ी है।
क्यों कर बैठ जाएं किनारे हम, है मोहब्बत से लबरेज़ जब हर दिन,
हमसफ़र है साथ तो हर पल पा सके खुशियाँ, ऐसा अभी सामान बाक़ी है।
जीएंगे शिद्दत से, जाएंगे जहाँ से ऐ ज़िंदगी तू भी सुन ले पूरी इज़्ज़त से,
है खुद पर यक़ीन, साबित करेंगे अपना वजूद इतना अभी मान बाक़ी है।