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मस्त मलंग से भौरों की गुनगुन में भी है एक संगीत, मस्त मलंग से भौरों की गुनगुन में भी है एक संगीत,
आँचल में सुलाकर समा लेना ओ भारत माँ मुझे तू अपने, आँचल में सुलाकर समा लेना ओ भारत माँ मुझे तू अपने,
देर रात तक जागती है सजल आंँखें, न जाने किस शून्य में ताकती है आंँखें। देर रात तक जागती है सजल आंँखें, न जाने किस शून्य में ताकती है आंँखें।
बंसी बजावे बिहारी पद्म लोचन मुरारी बंसी बजावे बिहारी पद्म लोचन मुरारी
कहीं जन्म न लेने दिया, जाता कोख में ही मारा जाता, कहीं जन्म न लेने दिया, जाता कोख में ही मारा जाता,
उतरा नशा इश्क़ का,सामने आँंखों के ख़ार-ओ-सहरा था। उतरा नशा इश्क़ का,सामने आँंखों के ख़ार-ओ-सहरा था।
वतन की सौंधी मिट्टी में वीर जवानों का लहू है मिला। वतन की सौंधी मिट्टी में वीर जवानों का लहू है मिला।
नव विहान का लेकर संदेशा भास्कर नभ पर शोभित है! नव विहान का लेकर संदेशा भास्कर नभ पर शोभित है!
जीवन का अनुभव है शिक्षक बड़ा, सिखा देगा हर व्यूह से कैसे पार पाओगे तुम जीवन का अनुभव है शिक्षक बड़ा, सिखा देगा हर व्यूह से कैसे पार पाओगे तुम
प्रज्वलित हुआ गुरू रूपी दीपक जब, अज्ञान तिमिर सारा लुप्त हुआ। प्रज्वलित हुआ गुरू रूपी दीपक जब, अज्ञान तिमिर सारा लुप्त हुआ।