"हार्दिक श्रद्धांजली लता जी"
"हार्दिक श्रद्धांजली लता जी"
हो गई आखिरकार लता अनंत में विलीन
स्वर कोकिला का शांत हुआ जीवन गीत
पर पीछे छोड़ गई मधुर गीत ताजातरीन
जो याद दिलाते रहेंगे हमें उनकी हर दिन
आप पर था मां सरस्वती का वृहद हस्त
लोग कहते आपको मां शारदे का संगीत
नाम दर्ज, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड बुक में,
अनेक भाषाओं में गाये, आपने बहु गीत
भारत रत्न से नवाजा, यहां आपको हिन्द
पर अब छोड़ गये, आप हिन्द की जमीन
प्रत्येक हिंदवासी है, आज बहुत दुःखी है
बह रहे है, हर आँख से आज दरिया नीर
ए मेरे वतन के लोगों, यह था प्रसिद्ध गीत
जिसे सुन सबकी आंखों से बह आता नीर
सर्वप्रथम 26-1-1963 को गाया यह गीत
तब रो उठे, प्रधानमंत्री नेहरूजी तात्कालीन
आपका स्वर था, लता जी इतना बेहतरीन
एक बार तो पत्थर सुने तो वो भी बोल उठे,
वाह क्या मधुर आवाज, आफरीन-आफरीन
हृदय तृप्त हो जाता, सुनकर आपका गीत
आपको हनुमानजी दे जन्नत में वो जगह
जैसे कोई दिल मे जगह देता है, मन मीत
शत-शत नमन, हे स्वर सम्राज्ञी लता जी
यह हृदय दुनिया में कितना हो गमगीन
तुम्हें सुन चुप हो जाता है, लता जी हर दिन
हो गई आखिरकार लता अनंत में विलीन
तुम्हें दिल से समर्पित पुष्प अनंत अनिल
जो चाहे दिखे न सबके दिल में तुम्हारे गीत।
