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Abhishek Gaur

Tragedy Fantasy

3  

Abhishek Gaur

Tragedy Fantasy

हाल-ए-दिल

हाल-ए-दिल

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आसमान, आसमान है,

आसमान रहने दो,

उम्र ना पूछो, हमें जवान रहने दो,

ये उसका मसला है, कि वो दूर इतना है,

पास ना बुलाओ उसको, ज़मीन है यहाँ,

आसमान को ग़ालिब आसमान रहने दो।


कोई बेबस, कोई मजबूर बन गया,

बेगुनाही, बेगुनाह का कसूर बन गया,

गुनाह था जिसका, वो मौज में रहता है,

बेगुनाह को फाँसी, दस्तूर बन गया।



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