गुमनाम रिश्ता ❣️
गुमनाम रिश्ता ❣️
कुछ रिश्ते सिर्फ पुकार बनकर रह जाते हैं
दिल के तले दवे एहसास बनकर रह जाते हैं
बंद कोठरी में आती हुई एक किरण बनकर रह जाते हैं
बोलना बहुत कुछ होता है मगर चुप होकर रह जाते हैं
ज़िंदगी में मकसद बहुत, मगर मुसाफिर बनकर रह जाते हैं
आ तो गए किनारे मगर डूब कर रह जाते हैं
कुछ रिश्ते ज़िंदगी में गुमनाम बनकर रह जाते हैं।
