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Kajal Kumari

Tragedy

4  

Kajal Kumari

Tragedy

मणिपुर घटना

मणिपुर घटना

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कब तक निर्वस्त्र होती रहेंगी द्रौपादियां।

कब तक चीरहरण करवाओगे।।


कदम-कदम पर दुशासन बैठे हैं 

कैसे लाज बचाओगे।।


सभ्यता की सीढ़ियां चढ़े समाज में।

कितना और व्यभिचार बढ़ाओगे।।


नारियों को अपमानित करते,

और मूर्तियों पर चुनरियां चढ़ाओगे ।


लुट गई जो अस्मिता देश की

उसे पुनः कैसे लौटा पाओगे।।


कदम-कदम पर दुशासन बैठे हैं ।

कैसे लाज बचाओगे।।


धृतराष्ट्र न बन जाए कानून देश का।

क्या अपराधियों को सूली चढ़ाओंगे।।


पूछती हैं आज आधी आबादी देश की।

तुम कैसे हमारा मान बचाओगे।।


ऐसे ही लुटती-कटती रहेंगी बेटियां।

या कोई सुदर्शन धारी बनकर आओगे।।


कब तक निर्वस्त्र होती रहेंगी द्रौपदियां।

कब तक चीरहरण करवाओगे ।।


कदम-कदम पर दुशासन बैठे हैं। 

कैसे लाज बचाओगे।।



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