गर्मी ए दिल का इलाज
गर्मी ए दिल का इलाज
गर्मी ए दिल आपने बढ़ा दी,
धड़कनें तेज हो गईं जी।
पसीना बह रहा आँखों से,
इश्क की गति बढ़ रही है।
वैसे ही धूप में तपती धरती पर,
आँधियों की आवाज़ सुनाई दे रहीं
जीवन की गति बढ़ रही है,
और तूफान आने को है
क्यों आपने ध्यान न दिया जानूँ
गर्मी ए दिल आपने और बढ़ा दी।
पसीना बह रहा आँखों से,
इश्क की गति बढ़ रही है।
(चाहिए मुझे प्यार का नींबु पानी)..
