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गणतंत्र

गणतंत्र

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वर्षों के संघर्ष से अर्जित स्वतंत्र का,

पूरक है गणतंत्र।

सौ करोड़ जनों की अटूट एकता का,

सूचक है गणतंत्र।


राष्ट्र का प्रगति पथ पर

सबसे मज़बूत कदम

इसकी उन्नति का

सम्बल है गणतंत्र।


विशाल देश की विविधताओं में,

विशिष्टताओं को प्रकाश।

इसकी अनेकता में एकता का,

प्रतीक है गणतंत्र।


देश को उचित दिशा का विश्वास

वसुधैव कुटुम्बकम का

आधार है गणतंत्र।


युगों की अनियंत्रित

तानाशाही का

अंत है गणतंत्र।


सुव्यवस्थित सर्वाधिकार

के प्रसार का

आरम्भ है गणतंत्र।


समाज में सुदृढ़

शासन प्रणाली का भरोसा,

राष्ट्र के बहुमुखी विकास

की आस है गणतंत्र।


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