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Kavi Ankit Prasoon

Romance

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Kavi Ankit Prasoon

Romance

गजल

गजल

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तुम्हारे बिन मुहब्बत की अधूरी ये कहानी है

नदी की तो समन्दर की तरफ रहती रवानी है


दिया तुमने मुझे जो भी भुला उसको न पाऊंगा

मेरी आंखों का ये पानी मुहब्बत की निशानी है


वो ख्वाबों में मुझे मिलने मेरी नींदों में आती है

हमारी जिन्दगी की ये सभी रातें सुहानी है


कबूतर से कभी खत से उसे पैगाम करता था

मगर ये बात इस युग में बहुत लगती पुरानी है


मुझे मंजूर है जैसा रखो ये तुम पे निर्भर है

तुम्हारे नाम ही सारी, हमारी जिन्दगानी है


नहीं उसके मेरा "अंकित" जरूरी प्यार हो दिल पर

मगर दिल से कभी उसकी नहीं चाहत मिटानी है



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