गीत
गीत
गीत गाकर तुम अपनी
वेदना को रोक लो।
मीत बनाकर तुम अपनी
चेतना में देख लो।
मीत के गीतों में बसकर
जीत अपनी हो गई,
अपनो के संग दर्द सहकर
पीड़ा भी घबरा गई।
गीत ही जीने का ढंग है
गीत में दुनिया बसी है।
गीत के सुरताल लय से
बेसहारा गम हुआ है।
गुनगुना कर मुस्कुरा लो
गीत गा कर गम छुपा लो।
गीत में गीता कुरान है
गीत में मन-प्राण है।
गीत में राम-रहीम है
गीत में भगवान है।
गीतों की माला पिरोकर
हर किसी को जोड़ लो।
गीत गाकर तुम अपनी
वेदना को रोक लो।
मीत बनाकर तुम अपनी
चेतना को देख लो।
