शब्द से ही तो जीते है सुखी जीवन हमारा शब्द से ही तो जीते है सुखी जीवन हमारा
मैं बलिदान किया करता हूँ, जीवन यूँ ही जिया करता हूँ ... मैं बलिदान किया करता हूँ, जीवन यूँ ही जिया करता हूँ ...
ये ही सर्वस्व हमारी है, इस पर जीवन बलिहारी है ये ही सर्वस्व हमारी है, इस पर जीवन बलिहारी है
प्रभु नाम स्मरण छोड़ कर अब फिर क्यों मन घबराये प्रभु नाम स्मरण छोड़ कर अब फिर क्यों मन घबराये
मैं हूँ कवि , हैं काव्यमय मन-प्राण मेरे । तुम मुझे कोई नई सरगम सुना दो। मैं हूँ कवि , हैं काव्यमय मन-प्राण मेरे । तुम मुझे कोई नई सरगम सुना दो।
धड़कनों में भी हर पल धड़कते तुम्हीं ज़िन्दगी के भी अन्तिम सहारे हो तुम। धड़कनों में भी हर पल धड़कते तुम्हीं ज़िन्दगी के भी अन्तिम सहारे हो तुम।