घूँघट
घूँघट
कभी किसी की लाज है घूँघट
सुहागन के सर का ताज है घूँघट
दुल्हन के मुख का राज है घूँघट
ब्याह में सूरत सजाती है घूँघट
सजनी के चेहरे दमकाती है घूँघट
भारतीय नारी का प्रतीक है घूँघट
प्रेमी की अभिलाषा की प्रीत है घूँघट
फूलों की सेज की खुश्बू है घूँघट
माँ बाप के सपनों की आबरू है घूँघट
कहीं इज्जत कहलाती है घूँघट
नारी पर सबको भाती है घूँघट
चाँद से चेहरे की दीवार है घूँघट
चन्दा चकोरी का प्यार है घूँघट
पिया के प्रणय की शुरुआत है घूँघट
प्रणय जोड़े की नवप्रभात है घूँघट।