घर सूना हो गया
घर सूना हो गया
घर सूना हो गया,
यूँ आपस में झगड़ते-झगड़ते।
हर रिश्ता अधूरा हो गया है,
यूँ सम्पत्ती के लिए लड़ते-लड़ते।
हर रिश्ता अधूरा हो गया,
इस लालच के बढ़ते बढ़ते।
माँ बाप का समय पूरा हो गया है,
अपने बच्चों को पकड़ते-पकड़ते।
और बच्चा अपने संस्कार भूल गया,
मोह-माया में पड़ते-पड़ते।
यूँ ही रिश्तों का भी दहन हो गया,
उस गठरी में गाँठ पड़ते-पड़ते।
बाबुल का आंगन सूना कर गए,
बाबुल के गुज़रते-गुज़रते।