घर से लेकर विद्यालय तक
घर से लेकर विद्यालय तक
घर से लेकर विद्यालय तक तुम सुंदर रंग बिरंगे फूल हो।
आसमान के तारे जैसे ,यही जमीन पर आए हो।
पल में छुपते पल में दिखते, जुगनू जैसे मन भाते हो।
घर से लेकर विद्यालय तक तुम सुंदर रंग -बिरंगे फूल हो।
कभी नादानी कभी चंचलता से, प्यार सभी का पाते हो।
एक जगह तुम रोक नहीं पाते ,बन पतंग उड़ जाते हो।
घर से लेकर विद्यालय तक तुम सुंदर रंग -बिरंगे फूल हो।
धर्म -जाति से अनजान तुम, छल कपट से दूर बहुत हो
।
इस मंदिर के ईश्वर का, इक रूप तुम ही हो।
घर से लेकर विद्यालय तक तुम सुंदर रंग-, बिरंगे फूल हो
क्या ढूंढने अब नभ में जाएँँ, जब सारे चाँद सितारे यहाँ हो।
मन प्रसन्न हो जाता है ,जब महका अपना उपवन हो।
घर से लेकर विद्यालय तक तुम सुंदर रंग -बिरंगे फूल हो
यशवान बनो बलवान बनो ,आचरनवान और मृदुभाषी हो।
जग में अपना नाम करो, पर कभी न कोई गुमान हो।
घर से लेकर विद्यालय तक तुम सुंदर रंग-बिरंगे फूलों हो।
