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Rashmi Lata Mishra

Drama

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Rashmi Lata Mishra

Drama

घी का तड़का

घी का तड़का

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तुवर की दाल में घी का तड़का,

देखो स्वाद दाल का बढ़ता।

बगैर घी न मुझे सुहाता,

दाल कटोरा जो सामने आता।


बात पुरानी तब की है

दुकानें ना थी ज्यादा

भीड़ ना थी शहर में

अपनी जनसंख्या भी थी आधी


इस दिन की बहन ना खाएंगे

मचल गए हम ना माने

लाडली का दुलार किया

घरवालों ने सेवक को भेजा लेने


घंटे इंतजार किया दुकानें थी बंद,

बहुत मनाया घर वालों ने,

फिर खाना किया पसंद।


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