एलियन
एलियन
मैंने कभी तुम्हें रूबरू तो नहीं देखा
पर तुम्हारे बारे में पड़ी है कई कहानियां
सुने हैं कई किस्से
और देखा है तुमको कई मूवीज में
जिसमें तुम्हारे अच्छे और बुरे
दोनों झलकते किरदारों को
तरह-तरह के फोटो
तरह-तरह की आकृतियां
और सुना है तुम आते हो उड़नतश्तरी से
सच और झूठ नहीं जानती हूं मैं
पर सोचती हूं
तुम आओ एक बार
तुम्हें मैं अपनी आँखों से देखूं
और स्पर्श करू इन हाथों से
तुम्हें लेकर आऊं अपने घर में
तुम क्या खाते हो क्या पीते हो
तुम्हारे उठते मन के भाव को
पढ़ने की कोशिश करूं
तुम क्रूर हो या कोमल
तुम मित्र हो या दुश्मन
तुम्हारे ग्रह पर अद्भुत बातों को
चाहती हूँ मैं समझना
तुम बातें करते हो या इशारे
क्या वाकई में
तुम्हारे अंदर अद्भुत शक्तियां हैं
जिससे तुम लोगों का भला कर सकते हो
एक बार तुमको चहती हूँ देखना
क्या आएगा वह दिन
जिस दिन तुम उड़नतश्तरी से
किसी दूसरे ग्रह से
हमारी इस धरती पर कदम रखोगें
और मैं तुमको देख पाऊंगी
आसमा से नीचे उतरते उस एलियन को
जिसकी मैंने अब तक छवि मन में बनाई है
क्या उसका जीवंत रूप में देख सकूँगी......?
