एक तारा
एक तारा
आसमान में एक खास तारा
बादल की पलकों के उपर ठहरा रोता
लाखों तारों के बीच
सबसे रोशन झिलमिलाता
हमारी असफ़ल प्रेम कहानी
का प्रतीक है !
सीधे टूट कर मेरे दिल से
जा गिरा आसमान की गोद में
ये शबनम जो गिरती है पूरी रात
कभी एक बूँद उठा कर चखना
स्वाद खारा मेरे अश्कों का
वही लज्जत !
उस तारें की आँखों से टपके मोती का
एक-एक कतरा गवाही देगा
मेरे रोते हुए दिल से निकली आहों का !
"तुम तो चाँद हो जिसे हर कोई चाहे
तुम्हें तारों से क्या वास्ता"
ये जो शोभा है आसमान पर रात की
सारी असफ़ल प्रेम कहानियों का राज़ है !
टूटेगा वो झिलमिलाता तारा भी
मेरी आख़री साँस के छूटते ही
तब तुम मुझे ढूँढोगे एक-एक
तारों से पूछोगे मेरा पता
पर मैं ना मिलूँगी इसी आसमान में
एक छोटा सा तारा बन बादलों की
परछाई में छुप जाऊँगी।
सुनो चाँद
बिन तारों के तुम अकेले हो
यूँ टुकुर-टुकुर मत देखो
कोहनियों के बल बैठकर
मैं रो पडूँगी तुम्हें अकेला
और उदास देखकर।