एक शख़्स
एक शख़्स
मेरे होने की वजह है वो एक शख़्स
पर मुझ से खफ़ा है वो एक शख़्स
एक उम्र से मुझसे दूर है वो लेकिन
फिर भी इस दिल में रहता है वो एक शख़्स
उसके बिना मैं ज़िन्दा ही नहीं होती
मेरे जीने की आस है वो एक शख़्स
उस के बिना मैं तो मैं नहीं रहती ,
क्या मेरे इस जिस्म का दिल है वो एक शख़्स
मेरे दिल की ख़्वाहिशें एक सिर्फ वो जानता है
किस क़दर मुझसे परिचित है वो एक शख़्स
उस से मेरा उतना ही मेल मुमकिन है
इस क़दर इस रूह का लिबास है वो एक शख़्स !