एक सैनिक का अंतिम संदेश
एक सैनिक का अंतिम संदेश
वीरगति हुआ यदि तो, मेरी माँ को ये बतला देना
दूसरी माँ को हुआ समर्पित, छिप गया चिराग तेरा वो इतना जा बता देना।।
संभाल लेना पिता के काँपते हाथ को, लाठी तोड़ दिखा देना
गिरे ना उनके आसूं जमी पर, सीने से उन्हे लगा लेना।।
पुचकारना जाकर बहन को मेरी, आसूं दो बहा देना
हौंसला देना मेरी बहन को, जिंदा दूसरा भाई जता देना।।
सामने हो यदि भाभी तेरी तो, श्रद्धा से शीश झुका लेना
वीरता से लड़ा वीर बड़ा वो, किस्सा कोई सुना देना।।
भाई पूछे तो सीना ठोकर, सैनिक धर्म बता देना
साहस बढ़ाना मेरे भाई का, जंग का हाल सुना देना।।
मित्र नहीं मेरे भाई हो यारा, ये अहसान छोटा करना
भूल के दोषों को मेरे, जा परिवार से मेरे जरा मिलना।।
सुन टूटे ना परिवार मेरा ये, ध्यान यही सदा धरना
अंतिम सारे वचन ये मेरे, उन्हे तहजीब के साथ सुना देना।।