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Kalpna Yadav

Abstract Tragedy

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Kalpna Yadav

Abstract Tragedy

एक रिश्ते की मौत

एक रिश्ते की मौत

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कल रात एक और रिश्ते ने दम तोड़ दिया।

प्रेम, सहानुभूति, विश्वास, सम्मान, ममता सब वहाँ बैठे थे

उन्हें बुरा लग रहा था कि वो उसके अंतिम समय में

रिश्ते के साथ नहीं थे,

अगर उनमें से कोई एक भी उसके साथ होता

तो शायद वो अभी ज़िंदा होता।

थोड़ा ही सही, पर उसे उनमें से किसी का सहारा मिलता

और शायद धीरे - धीरे सब उसके पास आ जाते।  

पर, शायद उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था

कि वो जिसके लिए आँसू बहा रहे थे

वो कुछ गलत संगत में था और

कोने में खड़े हो मगरमच्छ के आँसू बहा रहे थे।

वो थे - अविश्वास, असम्मान, ईर्ष्या और लालच,

जिनकी संगत ने उसे इतना नीचे गिरा दिया

कि वो अपनी मदद के लिए किसी को हिला नहीं पाया

और इसी ग़म में चल बसा।  


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