मैं बदल रही हूँ |
मैं बदल रही हूँ |
मैं बदल रही हूँ
रहती थी पहले शांत सी
किसी झील की तरह
अब भारी बरसात की
नदी सी उफन रही हूँ
जी हाँ, मैं बदल रही हूँ।
ईमानदारी का गुण लिए
अपनी राह पर अटका हुई थी
अब बेईमानों के साथ
सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ रही हूँ।
हाँ, अब मैं बदल गई हूँ।
जानती हूँ, ये अच्छा नहीं
पर, ये ज़रूरी हो गया है
इसलिए मैं बदल गई हूँ।