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Aarti Ayachit

Drama

3  

Aarti Ayachit

Drama

एक मुट्ठी आसमान

एक मुट्ठी आसमान

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हे अपना दिल तो छोटा सा वो जाता कहां

फिर न जाने तलाशें क्यों वो ऊंचा जहां

रहने को तो चाहिए एक मुट्ठी आसमान।


मन में रख सदा आशा उड़ान भरने की

साथ ही याद रख महानता पहाड़ों की

सच्चाई से उम्मीद रख साकार सपनों को

पूरा करने की।


ऊंचाई की चोटी पर आगे बढ़ना भी है

आज पृथक परिवेश में तन्हाई ही है

लेकिन तू अकेले में शुन्य सा भी है।


इस एकाकी जीवन से ऊंचाई पाना भी नहीं है

चेहरे पर मुस्कान चिपकाना ही काफी नहीं है

फिर इस दिखावे से मन ही मन तू रोता क्यूं है।


सच्चाई तो यह है दोस्तों

आशाएं भी रखो जीवन में

हौसला रखो पूरा

प्यार और विश्वास के साथ

दिलों-जान से मेहनत करो।


इस धरती से बेइंतहा मोहब्बत करो

मंजिल पाने की कोशिश पूरी करो

सबका अभिनंदन करते हुए।


कामयाबी के लिए बुलंद हौसलों

के साथ प्रेम-स्नेह के झंडे लहराते हुए

चलता चल तू बढ़ता चल।


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