शीर्षक-"सुनहरी यादें"
शीर्षक-"सुनहरी यादें"
आई है मुझे फिर यादें सुनहरी
मेरे प्यारे साजन की,
थामकर यूँ खाली बिठा देना
और लौटकर न आना साजन का,
आई है मुझे फिर यादें सुनहरी
मेरे प्यारे साजन की,
वो मेल वो बातें वो भूले,
फिर शरारती तौर के वो झूले,
हम आज तलक भी कहें मिल ले,
हम आज तलक भी कहें मिल ले,
आई है मुझे फिर यादें सुनहरी
मेरे प्यारे साजन की,
पर सबको इतना ज्ञान नहीं,
पर सबको इतना ज्ञान नहीं,
वो इंसान थे भगवान नहीं,
वो इंसान थे भगवान नहीं,
कठिन है बहुत आसान नहीं,
कठिन है बहुत आसान नहीं,
ये यादें बिसराना साजन की,
आई है मुझे फिर यादें सुनहरी
मेरे प्यारे साजन की,
आँसू छलके साथ बहे,
उन जैसी बात अब कौन कहे,
ऐ वक्त बता मिल जाए कहीं,
ऐ वक्त बता मिल जाए कहीं,
रूप सुहाना साजन का,
आई है मुझे फिर यादें सुनहरी
मेरे प्यारे साजन की||
(आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम
गुज़रा ज़माना बचपन का -फिल्म देवर)