नज़र (छोटी कविता)
नज़र (छोटी कविता)


कुछ शब्दों में ढूंढने
लगी हूं तुम्हें
मैं आजकल
हकीकत में नजर आना
मुश्किल
सा हो गया है
पर दिल में सुकून मिलता है
जब बिनकहे ही नजर की
परिभाषा समझना
तुम्हारे लिए आसान
सा हो गया है।
कुछ शब्दों में ढूंढने
लगी हूं तुम्हें
मैं आजकल
हकीकत में नजर आना
मुश्किल
सा हो गया है
पर दिल में सुकून मिलता है
जब बिनकहे ही नजर की
परिभाषा समझना
तुम्हारे लिए आसान
सा हो गया है।