एक कोना दिल में तुम्हारे लिए
एक कोना दिल में तुम्हारे लिए
एक कोना खाली रखा है
तुम्हारे लिए,
मैंने अपने दिल में, कब से,
उम्र के इस आखिरी पड़ाव में
पुरानी यादों के अथाह समुद्र में,
यूं ही जब यादों के हिस्सों को
टटोलते टटोलते एक दिन मैंने
अपने दिल के कमरे में
धूल फांकती कोने में रखी,
टूटी संदूक में झांक के देखा तो,
कुछ बिखरे पत्र तुम्हारे देखे,
जिनमें आज भी वो गुलाब की
पंखुड़ियां जिन्हे दिया था प्रेम
स्मृति रूप में तुमने मुझे,
और जिन्हे रखा था कभी मैंने ,
अपने दिल के कोने में बहुत
संभाल कर,
जो समय की रेत में कहीं खो गए थे
धूल बनकर,
आज भी तुम्हारे स्पर्श की गर्माहट
महसूस की मैंने,
और लिखा था तुमने जिसमे,
एक- एक शब्द दिल की गहराइयों से,
प्रेम में लिपटे रंगीन धागों से,
आंसूओं की स्याही से,
और बस मांगा था तुमने मुझसे
सिर्फ एक कोना दिल में।

