एक खूबसूरत शाम थी
एक खूबसूरत शाम थी
हज़ारों जज़्बातों को समेटे
एक खूबसूरत शाम थी
हमारे मिलने की ख़ुशी
और भिचड़ने का गम थी
तेरा हाथ पकड़ने से पहले की घबराहट
और हाथ पकड़ने पर मेरे शर्माने की शाम थी
वह एक दूसरे की बातों में खो जाना
और जज़्बातों को समझने की शाम थी
हल्की हल्की बारिश के ख़ुशबू जैसे
भीनी भीनी ख़ुशबू की शाम थी
एक चाय के प्याली के जैसे
सुकून की शाम थी
हम दोनों के इज़हार की
और इकरार की शाम थी
हज़ारों जज़्बातों को समेटे
एक खूबसूरत शाम थी।

