एक घातक हमला
एक घातक हमला
कड़ी धूप में मेहनत करते,
ऐसे हैं यह भारत के वीर जवान।
हो सकते है किसीके माता-पिता,
या किसीकी संतान।
अपने देश के लिए शहीद होना,
है जैसे होना भाग्यवान
सतर्क रहते है सदा, जागते है दिन-रात,
ताकि हम गा सके स्वतंत्रता के गान।
किंतु शांति जैसा कोई शब्द ही नहीं,
ये आतंकी केवल आतंक फैलाना जानते हैं।
ऐसे ही है हमारा एक पड़ोसी राष्ट्र,
पाकिस्तान, जिसे हम पहचानते है।
जो लगाए बैठा है आँख भारत की सुख-समृद्धि पर,
हमपर कब्ज़ा करना चाहता है।
काश्मीर जैसे भारत के अन्मोल रत्न को,
हड़प लेना चाहता है।
इस बुज़दिल मुल्क को,
किसीकी जान की कद्र ही नहीं।
ना ही हमारे जवानों की,
ना ही उनके परिवार की।
वे तो जानते ही नहीं कि एक जवान का संबंध,
कई लोगों से जुड़ा होता है,
कई उनपर निर्भर होते हैं,
और प्रत्येक जान का क्या मूल्य होता है।
वीरता से लड़ना उन्हें आता ही नहीं,
इसलिए अपनी कायरता के सबूत पेश करते है।
जैसे एक सबूत अभी ही पेश किया था,
बस में बम रखकर ४२ जवानों की जान ले ली।
लेकिन कायरता की विजय किसे भाए,
हम भी शांत नहीं बैठेंगे।
उन मासूमों की मौत का बदला अवश्य लेंगे,
परंतु आतंक का मार्ग कभी नहीं चुनेंगे।
दूसरे शक्तिशाली राष्टों के साथ अच्छे संबंध रखेंगे,
और पाकिस्तान पर भारी दबाव डालेंगें।
हम उन्हें मुँह-तोड़ जवाब देंगे,
उन माताओं के लिए,
जिन्होंने अपनी संतान खोई हैं,
उन पत्निओं के लिए,
जो विधवा हुई हैं,
उन संतानों के लिए,
जिन्होंने अपने पिता को खो दिया,
उन समस्त जवानों के लिए,
जो इस घिनोने और कायरता भरे षड्यंत्र का शिकार हुए हैं।
हम वीरता से लड़ेंगे,
और यदि आवश्यकता हो,
तो इस इसे मातृभूमि के लिए शहीद भी होंगे,
क्योंकि माँ के लिए मरना,
गर्व की बात है,
और यह सदा स्मरण रखेंगे कि-
यह तिरंगा सिर्फ़ हवा से ऊँचा नहीं फहराता,
बल्कि वीर मनुष्यों के बलिदान से ऊँचा लहराता है।
