एक अधूरी सी कहानी
एक अधूरी सी कहानी
अक्सर गुजरते हुए उस जगह से
जहाँ आखरी दफा मिले थे हम
मुझे तुम्हारी याद आती हैं।
याद आती है एक अधूरी सी कहानी ,
जिसके सफ़ेद सफ़हे ,
कभी स्याही की रंगत न देख सके
दास्ताँ कुछ यूँ थी कि
दो दिलों में दोस्ती थी
एक दिल दूजे पे आशिक़ था और
दूजा किसी और के गम में डूबा था
पहले दिल ने बड़ी आवाज़े दी
बहुत रोया, टूट गया,
पर दूजे से मुहब्बत ऐसी कि
साथ न छोड़ा गया और न निभाया ही गया
वक़्त के पैरों ने एक लंबा अरसा दौड़ा
फिर दूजे के दिल ने पहले को आवाज़ दी
थोड़ा घबराया हुआ पहला दिल इस पुकार से
सकते में था, मिलने पंहुचा , यकीं करने को
दूजा दिल सच कहता था,
दोनों दिलों का सपना था
दोनों को पूरा करना था।
पहले दिल की एक अलग ही दुनिया थी
बेचारा उससे लड़ न सका।
दूजे दिल की नज़रों में जो गिरा फिर उठ न सका।
सब देखा अपनी नज़रों से पर
दूजे से कुछ भी कह न सका
दूजे को लगा वो झूठा था
पहले दिल को बड़ी आवाज़े दी
बहुत रोया, टूट गया,
दूजे ने उसे भुला दिया।
अक्सर गुजरते हुए वहाँ से
दोनों दिल घबराते हैं
याद आती होगी वो अधूरी कहानी
जिसके सफ़ेद सफ़हे ,
कभी स्याही की रंगत न देख सके