अब मुक्त हो चुका था आपने आप को प्रभु को सौंप चुका था न यहाँ रुकने का मन था न वापस जाने की इ... अब मुक्त हो चुका था आपने आप को प्रभु को सौंप चुका था न यहाँ रुकने का मन था...
बचपन में कुछ, जवानी में कुछ और बुढ़ापे में कुछ और होता है वैसे भी सूरत की मुझे कब परवाह थी बचपन में कुछ, जवानी में कुछ और बुढ़ापे में कुछ और होता है वैसे भी सूरत की ...
याद आती होगी वो अधूरी कहानी याद आती होगी वो अधूरी कहानी
लिखने से कागज कोरे ही रह गए हैं लिखने से कागज कोरे ही रह गए हैं
पर ऐसा होता नहीं है, चाकू कभी रोता नहीं है कटता हमेशा तरबूज ही है पर ऐसा होता नहीं है, चाकू कभी रोता नहीं है कटता हमेशा तरबूज ही है
हर सफेद को मिले इंसाफ़ हर सफेद को मिले इंसाफ़