एहसास
एहसास
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उन के हलके से स्पर्श ने मेरा
रोम रोम रोमांचित कर दिया
मेरा तन-मन खिल उठा
मैं सिहर गयी।
कस कर लिपट गयी उनके सीने से
फिर प्यार भरी दास्ताँ शुरू हुई
उनके हर पल के स्पर्श से मैं खिलती गई
धीरे धीरे रात के बढ़ने के साथ साथ
प्यार भी बढ़ता गया
उनकी महक
दिलोदिमाग पर छा गयी।
पर ये क्या हुआ
तभी पंछी चहचहा उठे
मेरा 'मन' घबरा गया
सवेरा हो चुका था
वो मेरे पास न थे
सिर्फ एक एहसास था
वो एक प्यार भरा सपना था !