एब्स्ट्रैक्ट आर्ट
एब्स्ट्रैक्ट आर्ट
मेरे सीने पर-एक रात
अपनी उँगलियों से एक बेतरतीब सी
पेंटिंग बनाई थी तुमने
और,अपनी सांसों से
कुछ गहरे रंग भरे थे उसमें...
मैंने-कई बार की कोशिश
उसे छूकर समझने की पर
समझ नहीं पाया मैं
हमारे रिश्ते की कोई
एब्स्ट्रैक्ट आर्ट होगी शायद !