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Hemant Parihar

Romance

2.5  

Hemant Parihar

Romance

एहसास

एहसास

1 min
15.2K


शाम की
हल्की-हल्की रौशनी में
हाथों में हाथ लेकर
चलते हुए, अचानक हुई
बेमौसम बारिश में
भीगते हुए भागकर
उस पेड़ के नीचे
छुप जाना याद होगा तुम्हें
आधे-आधे भीगे
हम दोंनो का फिर
छूकर एक-दूजे को
पूरा भीग जाना याद होगा तुम्हें

मुझे यकीन है अब भी
वो मौसम कभी-कभी
तुझमें बरसते तो होंगे
आधे से भीगे तेरे अरमां
मुझमें पूरा भीगने को
फिर तरसते तो होंगे।


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